Thursday, November 28, 2019

मेरी तमन्ना



मौसम बहुत सुहाना हो 
एक प्यारा सा तराना हो 
बस दोस्तों का साथ हो 
और दूर तक जाना हो 
दूर कही मंज़िल हो 
पर वहाँ ना किसी को जाना हो 
मस्ती भरा सफ़र हो 
ना रूठना किसी का 
और ना किसी को मानना हो 
ना फ़िक्र ही हो किसी की
ना ही रिश्ता कोई निभाना हो 
बस दोस्तों का साथ हो 
और दूर तक जाना हो

Thursday, November 14, 2019

चलते जाना है



उलझनो भरी है ज़िंदगी
कांटों भरा सफ़र है
पर हमें चलते जाना है

ठोकर खानी है, गिरना है
फिर सम्भल जाना है
ढूँढना है रास्ता नया
और मंज़िल को पाना है
पर हमें चलते जाना है

मिलना है कुछ लोगों से
तो कुछ से बिछड़ भी जाना है
इस तरह ही इस ज़िंदगी को
मंज़िल तक ले कर जाना है
बेशक़ आयें मुश्किलें कयी
पर हमें तो बस चलते जाना है

रास्ते कठिन सही
पर उमीद है की मंज़िल आएगी
होशलों से बड़ी नहीं है तक़दीर
अब बस ये दुनिया को दिखाना है
भूल कर हर दुःख और परेशानी
हमें बस चलते जाना है

Wednesday, November 6, 2019

वो कहते हैं



वो कहते हैं की अब तुम्हें मिलना भी याद आता नहीं है
हम कहते हैं की मोहब्बत का फिर से इरादा नहीं है
वो कहते हैं की बाद में ही ऐहसास होता है गुज़रे क़िस्सों का 
हम कहते हैं की अब मुमकिन नहीं इलाज दिल के टूटे हिस्सों का
वो कहते हैं की ये वक्त है फिर हाथ ना आएगा
हम कहते हैं ये वक्त ही तो है गुजरता है, गुज़र ही जाएगा
वो कहते हैं की क्या हुआ है इन बीते सालों में
हम कहते हैं की बरबाद होते हैं लोग मोहब्बत के ख़्यालों में
वो कहते हैं की फिर से मोहब्बत को आज़मा कर तो देखो
हम कहते हैं की जाम कहाँ रुकता है टूटे प्यालों में
वो कहते हैं की जान तो लो पहले कुछ मेरे बारे में
हम कहते हैं की हम खुद उलझे हैं अभी अपने सवालों में

Thursday, October 24, 2019

जानता हूँ मैं


जानता हूँ मैं
ना मैं किसी किससे में हूँ
ना किसी कहानी में हूँ
मैं बस एक लम्हा हूँ
जो तेरी जिंदगानी में हूँ

जानता हूँ मैं
ना याद आने की वजह हूँ मैं
ना भूलने की ही कोई बात हूँ
मैं बस एक छोटा सा ख़्वाब हूँ

जानता हूँ मैं
ना तुझे मोहब्बत है मुझसे
ना मुझे तुझसे दूर रहना है
जिन बातों को तुम समझ नहीं सकती
बस वही बातों को मुझे तुझसे कहना है

Friday, September 13, 2019

दिल मेरा



दिल मेरा एक आजाद परिन्दा 
दूर गगन मे उड़ता जाये 
ढूँढे एक मंजिल नयी
रस्ता कोई नया सजाये

दिल मेरा एक कटी पतंग सा
इधर उधर लहराता जाये
कोई लूट ले अगर इसे तो
ये बस उसी का हो जाये

दिल मेरा एक आवारा भंवर सा
कली कली मंडराता जाये
चुन चुन कर मिठास उसकी
अपने अंदर भरता जाये

दिल मेरा मासूम सा बच्चा
खूब रोये, खूब इठलाये 
कभी कभी कुछ पाने को ये
अपनी ही जिद पर अड़ जाये

दिल मेरा तन्हा तन्हा 
साथ तेरा जो ये पाना चाहे
सफ़र बड़ा ये 'हसीन' हो
साथ अगर तू मंजिल तक जाये

Saturday, September 7, 2019

कभी आना तुम



कभी आना तुम फुर्सत निकाल कर
मैं भी बातें तुमसे चार कर लूंगा 
तुम रूठना मुझसे, मैं मना लूंगा तुम्हे
ये मोहब्बत भी मैं बार बार कर लूंगा
कभी सुनना चाहो जब तुम 'साहिल' की बातें 
मैं कुछ गीत-गजल तुम्हारे नाम कर लूंगा।
करोगी जब तुम वापस जाने की बातें 
मैं नाराज हो कर थोड़ा सा लड़ लूंगा
बस इस तरह ही मैं बैठ कर पास तुम्हारे
एक प्यारी सी शाम अपने नाम कर लूंगा

Tuesday, August 27, 2019

अकेले में


अकेले में जब गीता गुनगुनाते हैं 
बेवजह ही हम अक्सर मुस्कुराते हैं
जब किसी के इन्तज़ार में 
पल पल गिन कर वक़्त बिताते हैं 
जब किसी के तस्सवुर के लिये
हम भीड़ में भी खो जाते हैं 
हम जगते रहते हैं रातो को
फिर ऐसे ही जाने कब सो जाते हैं 
ऐसा ही होता है अक्सर जब हम,
मोहब्बत के खवाबों मे खो जाते हैं


Monday, August 19, 2019

नज़र को और क्या चाहिए



नज़र को और क्या चाहिए
बस अगर तू नज़र आ जाए
इस जहां से क्या लेना मुझे
बस अगर तेरी खबर आ जाए
जान लूं बस ये की तू खुश है
और मेरे दिल को सब्र आ जाए
ढूंढने निकलू जब मैं शहर तेरा
चार कदम पर ही तेरा घर आ जाए
मेरी मोहब्बत में बस इतना असर आ जाए
मैं नाम लू तेरा और तुझे खबर हो जाए

Wednesday, August 14, 2019

आदत

मिलना बिछड़ना तो नसीब की बात है
मगर दूरियां कभी दूरियां नहीं लगती 
दोस्त साथ हो तो हर जगह मस्ती है
वरना हमें तो महफ़िल भी महफ़िल नहीं लगती
एक तुम सच्चे और एक तुम्हारा खुदा सच्चा
बाकी दुनिया सारी तुम्हे सच्ची नहीं लगती
अक्सर बुरा कहते हैं 'साहिल' को जमाने वाले
हमें भी खुद अपनी आदत अच्छी नहीं लगती

Sunday, August 11, 2019

मुश्किल वक़्त

मुद्दत हुई उनसे बिछड़े हुए
जब मिले तो ये ख्याल आया
करनी थी उनसे बहुत सी बातें
पर जुबान पर ना एक लफ्ज़ आया

ना कुछ पूछने की हिम्मत है
और ना कुछ बताने का हक़ है
बड़ी मुश्किल में ये दिल है
बड़ी मुश्किल में ये वक़्त है

Wednesday, June 26, 2019

देख कर उसे


देख कर उसे लगता है मुझे
वो भी हमारे बिना
तन्हा सा लगता है
दूरिया बहुत है पर
फिर भी ना जाने क्यों
वो अपना सा लगता है
मिले तो लगा लू गले से
पर उससे मिलना भी 
अब सपना सा लगता है
उसके चेहरे पर अब भी है मुस्कान
पर अंदर से वो मुझे 
टूटा हुआ सा लगता है
अब भी मांगे तो दे दूँ जान भी
उसके लिए कुछ करना भी अच्छा लगता है

Tuesday, May 21, 2019

वो लब

वो लब जो कभी चुप ना होते थे
 सुना है अब वो शांत से रहते है
जो गुजर गया है उस वक़्त की
एक मोहब्बत की दास्तां कहते है

वो दिल जो धड़कने लगता था मेरे नाम से
सुना है वो भी अब उदास सा रहता है
एक आँसुओ का दरिया है दिल में
जो रुक रुक कर बहता रहता है

वो निगाहें जो कभी मुझसे हटती ना थी
सुना है वो भी अब झुकी झुकी सी रहती है
कुछ वक़्त गुम हो गया है शायद
जिसे वो ढूँढती सी रहती है

वो जो मन हमेशा चंचल हुआ करता था
सुना है वो भी गमगीन हो गया है
वो दुनिया की भीड़ में रह कर भी
तन्हाई में कहीं खो सा गया है

काश उसने अपना गम मुझे बताया तो होता
इंतेज़ार है आज भी बस वो लौट कर आया होता

Monday, April 15, 2019

इन्तेजार नहीं करते

किसी का हम अब यूं इन्तेजार नहीं करते
हर किसी पर अब ऐतबार नहीं करते

लम्हा लम्हा चुरा कर थोड़ा वक़्त बचाया है
यूं किसी पर अब वक़्त बेकार नहीं करते

ये जो देख कर हर किसी को मुस्कुराने लगती हो
ये मोहब्बत भी हर किसी से बार बार नहीं करते

झूठे रिश्तों से तो बस दूरियां ही अच्छी हैं
ये ही सोच कर हम भी किसी से प्यार नहीं करते

Friday, April 5, 2019

तुम और मैं


तुम वक़्त सी कभी रुकी नहीं
मैं हवाओं सा आज़ाद रहा
दुनिया को भूल बैठा मैं
बस एक तेरा नाम याद रहा

तुम नाज़ुक कली गुलशन की
मैं भँवरे सा आवारा हूँ
सारा जहाँ बेशक मेरा रहे
मैं फिर भी बस तुम्हारा हूँ

तुम चाँद की रोशनी जैसी
मैं सर्दी की एक रात हूँ
तुम मेरी जिंदगी की दास्तां हो
मैं बस एक भूली-बिछड़ी याद हूँ

एक तुम्हारा चेहरा 
एक मेरे दिल की आरजू 
दोनो ही बड़े प्यारे है
लगता है कुछ ऐसा
हम दोनो नदी के दो किनारे है

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आज़ाद

देखता हूं परिंदों को उड़ते हुए सोचता हूँ किस कदर आजाद हैं ये इन्हें बस अपनी मौज में जीना है ना कोई रोकता है इन्हें ना ही किसी की फिक्र है ना...