कभी आना तुम फुर्सत निकाल कर
मैं भी बातें तुमसे चार कर लूंगा
तुम रूठना मुझसे, मैं मना लूंगा तुम्हे
ये मोहब्बत भी मैं बार बार कर लूंगा
कभी सुनना चाहो जब तुम 'साहिल' की बातें
मैं कुछ गीत-गजल तुम्हारे नाम कर लूंगा।
करोगी जब तुम वापस जाने की बातें
मैं नाराज हो कर थोड़ा सा लड़ लूंगा
बस इस तरह ही मैं बैठ कर पास तुम्हारे
एक प्यारी सी शाम अपने नाम कर लूंगा

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