मिलना बिछड़ना तो नसीब की बात है
मगर दूरियां कभी दूरियां नहीं लगती
दोस्त साथ हो तो हर जगह मस्ती है
वरना हमें तो महफ़िल भी महफ़िल नहीं लगती
एक तुम सच्चे और एक तुम्हारा खुदा सच्चा
बाकी दुनिया सारी तुम्हे सच्ची नहीं लगती
अक्सर बुरा कहते हैं 'साहिल' को जमाने वाले
हमें भी खुद अपनी आदत अच्छी नहीं लगती
No comments:
Post a Comment