मासूम सा चेहरा उसका,
उस पर भी सादगी छाई है
जरा बच कर रहना दोस्तो,
आज कयामत आयी है
ज़ुल्फ़ लटका कर गालो पर
वो सौम्य को साथ लायी है
देख कर उसको ऐसा लगा
मेनका रूप बदल कर आयी है
आंखे उसकी झुकी हुई सी
बिन काजल के कजराई है
कत्ल करने का हथियार वो
इन्ही आंखों में दबा कर लायी है
होंठ उसके पंखुड़ियाँ गुलाब की
बोले तो बस फूल बिखरे
छुपा कर अपने लबो में वो
एक प्यारी सी ग़ज़ल लायी है
जरा बच कर रहना दोस्तो,
आज कयामत आयी है
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