Tuesday, August 27, 2019

अकेले में


अकेले में जब गीता गुनगुनाते हैं 
बेवजह ही हम अक्सर मुस्कुराते हैं
जब किसी के इन्तज़ार में 
पल पल गिन कर वक़्त बिताते हैं 
जब किसी के तस्सवुर के लिये
हम भीड़ में भी खो जाते हैं 
हम जगते रहते हैं रातो को
फिर ऐसे ही जाने कब सो जाते हैं 
ऐसा ही होता है अक्सर जब हम,
मोहब्बत के खवाबों मे खो जाते हैं


Monday, August 19, 2019

नज़र को और क्या चाहिए



नज़र को और क्या चाहिए
बस अगर तू नज़र आ जाए
इस जहां से क्या लेना मुझे
बस अगर तेरी खबर आ जाए
जान लूं बस ये की तू खुश है
और मेरे दिल को सब्र आ जाए
ढूंढने निकलू जब मैं शहर तेरा
चार कदम पर ही तेरा घर आ जाए
मेरी मोहब्बत में बस इतना असर आ जाए
मैं नाम लू तेरा और तुझे खबर हो जाए

Wednesday, August 14, 2019

आदत

मिलना बिछड़ना तो नसीब की बात है
मगर दूरियां कभी दूरियां नहीं लगती 
दोस्त साथ हो तो हर जगह मस्ती है
वरना हमें तो महफ़िल भी महफ़िल नहीं लगती
एक तुम सच्चे और एक तुम्हारा खुदा सच्चा
बाकी दुनिया सारी तुम्हे सच्ची नहीं लगती
अक्सर बुरा कहते हैं 'साहिल' को जमाने वाले
हमें भी खुद अपनी आदत अच्छी नहीं लगती

Sunday, August 11, 2019

मुश्किल वक़्त

मुद्दत हुई उनसे बिछड़े हुए
जब मिले तो ये ख्याल आया
करनी थी उनसे बहुत सी बातें
पर जुबान पर ना एक लफ्ज़ आया

ना कुछ पूछने की हिम्मत है
और ना कुछ बताने का हक़ है
बड़ी मुश्किल में ये दिल है
बड़ी मुश्किल में ये वक़्त है

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आज़ाद

देखता हूं परिंदों को उड़ते हुए सोचता हूँ किस कदर आजाद हैं ये इन्हें बस अपनी मौज में जीना है ना कोई रोकता है इन्हें ना ही किसी की फिक्र है ना...