रूठा हुआ हूँ मैं, तू आ कर मुझे मना ले
तेरी याद को कभी मैं दिल से जुदा न कर पाया
तू भी मेरी याद को अपने दिल में कही बसा ले
मेरी धड़कने लेती है बस एक नाम तेरा
तू भी मुझे अपने जेहन-ओ-जिगर में सजा ले
ऐ खुदा फिर बेसक तू मुझे मौत ही दे देना
बस एक बार गर वो मुझे गले से लगा ले
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