Monday, October 4, 2021

रिश्तो की उम्र

जिस तरह हर जीव, इन्सानो या किसी भी चीज़ की उम्र होती है उसी तरह हर रिश्ते की भी एक उम्र होती है और ये प्रकृति का नियम है की जो बना है उसे खत्म भी होना तय है। जैसे इन्सान की मृत्यू कभी भी हो जाती है। कभी अचानक, कभी उम्र पूरी करने के बाद तो कभी शुरु होने से पहले ही, उसी प्रकार रिश्तों की भी उम्र होती है ये भी कभी अचानक खत्म हो जाते हैं तो कभी आपने सभी कर्म और जरूरते पूरी करके तो कभी शुरु होने से पहले ही खतम हो जाते हैं। गलती तो हम लोगो की है जो हम ये मान लेते है की ये रिश्ता उम्र भर चलेगा, पर हमें समझना चाहिये की हर चीज़ की उमर भी अलग होती है। इन्सान की उम्र और रिश्तो की उम्र अलग अलग है।

अगर आप किसी रिश्ते के खत्म होने से दुखी है और आपको आपने दुख से निकलना है तो आपको खुद को ये समझना होगा की ठीक है हमारे रिश्ते की बस इतनी ही उमर थी, ना सामने वाला बन्दा गलत था और ना हम गलत है बस रिश्ते की उम्र पूरी हो गयी थी हम सब यहाँ एक दूसरे के कर्जदार हैं और हमें उस इन्सान को माफ करना होगा। कहते है इस जन्म में आप जिससे भी मिलते हैं उसका आपके साथ कुछ पिछ्ले जन्म का कर्जा होता है। या तो वो कर्जा उतरा है या फिर चढ़ गया है और अगर चढा है तो याद रखना अगले जन्म में फिर हम उनसे टकरायेंगे और इस बार जो उन्होने आपके साथ किया है या जो आपने उनके साथ किया हो वही आपको अगले जन्म में मिलेगा। तो सदा ये याद रखना की सबके साथ अच्छा ही करो और आपके व्यवहार से किसी को दुख ना पहुंचे क्युकी जब आप अच्छा करते हो तो आप अपना कर्जा या तो उतारते हो या फिर चढा देते हो और अगर उतारते है तो आप अब उस चक्र से मुक्त हो गये और अगर चढा है तो खुश रहो की वही आपको आगे वापिस मिलेगा भी।

तो जिसने भी आपके साथ बुरा किया या दुख पहुंचाया हो उसे माफ करो और ये सोचो की उसकी गलती नहीं थी बस हमारे रिश्ते की इतनी ही उमर थी। और दुआ करो की अब जो भी हुआ वो कर्जा पूरा हो गया हो और अब किसी के साथ कोई कर्जा ना हो ।



तो सदा खुश रहो।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

आज़ाद

देखता हूं परिंदों को उड़ते हुए सोचता हूँ किस कदर आजाद हैं ये इन्हें बस अपनी मौज में जीना है ना कोई रोकता है इन्हें ना ही किसी की फिक्र है ना...