ज़िन्दगी जीने के अपने तुम कुछ तरीके अपना लेना
कभी हम हंसाएंगे तुम्हे तो कभी तुम भी मुस्कुरा लेना
कभी समझ लेना तुम मुझे बस मेरी खामोशी से
कभी मेरी गलती पर भी तुम मुझे मना लेना
कभी लिखना बहुत सी शिकायतें जो मुझसे हों
पढ़ा कर मुझे उन कागजों को फिर चुपके से जला देना
करना कभी मनमानी एक छोटे से बच्चे की तरह
लगा कर अपने गले से मुझे फिर कहीं ना जाने देना
जरूरी नहीं है की सब कुछ तुम ही करो मेरे लिए
प्यार से तो कभी ज़िद से तुम अपनी बात भी मनवा लेना
ये ज़िन्दगी का सफ़र बड़ा 'हसीन' हो जाएगा हमारा
मैं पकड़ूँ हाथ तुम्हारा तो तुम भी मेरा हाथ थाम लेना
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