Friday, February 14, 2020

ज़िन्दगी जीने के



ज़िन्दगी जीने के अपने तुम कुछ तरीके अपना लेना
कभी हम हंसाएंगे तुम्हे तो कभी तुम भी मुस्कुरा लेना
कभी समझ लेना तुम मुझे बस मेरी खामोशी से
कभी मेरी गलती पर भी तुम मुझे मना लेना
कभी लिखना बहुत सी शिकायतें जो मुझसे हों 
पढ़ा कर मुझे उन कागजों को फिर चुपके से जला देना 
करना कभी मनमानी एक छोटे से बच्चे की तरह 
लगा कर अपने गले से मुझे फिर कहीं ना जाने देना 
जरूरी नहीं है की सब कुछ तुम ही करो मेरे लिए 
प्यार से तो कभी ज़िद से तुम अपनी बात भी मनवा लेना 
ये ज़िन्दगी का सफ़र बड़ा 'हसीन' हो जाएगा हमारा 
मैं पकड़ूँ हाथ तुम्हारा तो तुम भी मेरा हाथ थाम लेना

Tuesday, February 11, 2020

हो वफ़ा की उम्मीद तो


हो वफ़ा की उम्मीद तो कुछ बात करूँ
वरना जाने दो क्यों वफ़ा की बात करूँ
तुम बस मेरे हो गर ये यकीन दिला दो,
क़यामत तक मैं मोहब्बत का इज़हार करूँ
तुम्हें मुझसे मोहब्बत नहीं है तो फिर जाने दो,
मैं ही क्यों इस मोहब्बत को बार बार करूँ
क्यों साथ ढूंढता हूँ मैं इस मतलबी शहर में
यहाँ रह कर अब क्यों मैं वक़्त बर्बाद करूँ
मंजिल दूर नहीं मुझे बस पहुंच ही जाना है
और कितनी लगेंगी ठोकरें अब क्यों फिक्र करूँ
चलना हो साथ मेरे तो खुद ही आ जाओ करीब,
मैं वो इंसान नहीं रहा जो किसी का इंतेज़ार करूँ


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