Wednesday, April 18, 2018

ख्यालो का सिलसिला


ख्यालो का सिलसिला बस,
यूं ही चलता रहता है।
उठते हैं जज्बात कई,
दिल मचलता रहता है।
रंजिशें दुनिया की अब सोने नहीं देती,
हर रोज़ किसी का घर जलता रहता है।
बंद नज़र आता है हर रास्ता 'साहिल' का,
बस एक उम्मीद का दिया जलता रहता है।


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