कई रंग देखें हैं जमाने में,
मोहब्बत के सिवा कोई रंग भाया ही नहीं।
रूठा वो शख्स ऐसा हमसे,
ख्वाबों में भी कभी आया ही नहीं।
चेहरा देख कर पूछते थे मुस्कुराने की वजह,
दिल का दर्द जो हमने कभी सुनाया ही नहीं।
एक वो ही है जो दिल से नहीं जाता,
और कोई दूसरा दिल में कभी समाया ही नहीं।
जो दिल फिदा हो कभी 'साहिल' पर,
वो दिल खुदा ने कभी बनाया ही नहीं।
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