Monday, April 23, 2018

कई रंग देखें हैं जमाने में

कई रंग देखें हैं जमाने में, 
मोहब्बत के सिवा कोई रंग भाया ही नहीं।
रूठा वो शख्स ऐसा हमसे,
ख्वाबों में भी कभी आया ही नहीं।
चेहरा देख कर पूछते थे मुस्कुराने की वजह,
दिल का दर्द जो हमने कभी सुनाया ही नहीं।
एक वो ही है जो दिल से नहीं जाता,
और कोई दूसरा दिल में कभी समाया ही नहीं।
जो दिल फिदा हो कभी 'साहिल' पर,
वो दिल खुदा ने कभी बनाया ही नहीं।

Wednesday, April 18, 2018

ख्यालो का सिलसिला


ख्यालो का सिलसिला बस,
यूं ही चलता रहता है।
उठते हैं जज्बात कई,
दिल मचलता रहता है।
रंजिशें दुनिया की अब सोने नहीं देती,
हर रोज़ किसी का घर जलता रहता है।
बंद नज़र आता है हर रास्ता 'साहिल' का,
बस एक उम्मीद का दिया जलता रहता है।


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