Thursday, July 25, 2013

क्या पता था मुझे

किसी ने जिंदगी में पहली बार मेरे लिए कुछ लिखा है.………… 

क्या पता था मुझे एक अजनबी  इतना ख़ास होगा 
उसके दूर होना रास ना होगा,
इस दिल-औ-जहां मैं बस गयी है तस्वीर उनकी 
और उनके बिना जीना अब गवारा ना होगा
________________________________

किस्मत से अपनी सिकायत मुझको है 
वो नहीं मिला जिसकी चाहत मुझको है 
कितने शख्स इस महफ़िल में हैं, 
मगर वो नहीं है जिसकी चाहत मुझको है 
________________________________


Wednesday, July 24, 2013

काश कभी वो

बदलाव  जिंदगी में जरूरी तो है किन्तु कई बार ये बदलाव रिश्तो में दूरी पैदा कर देता है। बदलो तो सिर्फ अपने लिए, ना की अपनों के लिए। इस बात का हमेशा ध्यान रखो की हमारी कोई बात या आदत अपनों को दुःख तो नहीं पहुंचाती ?

काश कभी वो ख्वाबो में आया तो होता,
प्यार झूठा ही सही मगर जताया तो होता। 
इतना चाहने के बाद भी अगर दर्द मिलता है,
तो काश के खुदा ने दिल बनाया ना होता।
हम तो खुद चले जाते उनकी दुनिया से दूर,
पर कभी दूर जाने का कारण बताया तो होता।
वो भी रो पड़ते मेरे दिल का हाल जान कर,
बस एक बार आँखों से दिल में उतर के आया तो होता।

Monday, July 22, 2013

दिल धड़कने लगा है

हम किसी से प्यार करे इससे ज्यादा अच्छा एहसास इस बात का होता है की कोई हमें प्यार करे।

दिल धड़कने लगा है फिर से सीने में
मज़ा सा आने लगा है अब जीने में
मिल जाये अगर साथ किसी का हर कदम पर
तो पता भी न चले किसी दुःख को सहने में
जब समझ लेती है वो आँखों की जुबान
तो क्या रखा है लफ्जों से कुछ कहने में

Thursday, July 11, 2013

मौसम और इंसान

इंसान और मौसम दोनों एक से होते हैं, कुछ वक़्त बाद दोनों बदल जाते है। मौसम बदलता है तो अच्छा भी लगता है लेकिन इंसान बदलता है तो बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता। 
पर अगर किसी को एहसास  ही न हो की हमारे बदलने से किसी को कोई फर्क पड़ता है, तो ऐसे लोगो के लिए खुद को भी थोडा बदल लेना ही बेहतर होता है…। 
 
मैं भी जिंदगी में खुशियाँ पाना चाहता हूँ,
बैठ कर अकेले में कुछ देर रोना चाहता हूँ।
जब तक खुली है आँखे, दुःख ही मिलेंगे,
अब बंद करके आँखे, मैं सो जाना चाहता हूँ।
अगर सब होना चाहते है दूर मुझसे,
मैं भी सबसे दूर हो जाना चाहता हूँ। 
जब बदल जाते हैं लोग यहाँ मौसम की तरह,
मैं भी अब सब की तरह बदल जाना चाहता हूँ।

Featured Post

आज़ाद

देखता हूं परिंदों को उड़ते हुए सोचता हूँ किस कदर आजाद हैं ये इन्हें बस अपनी मौज में जीना है ना कोई रोकता है इन्हें ना ही किसी की फिक्र है ना...