आँखे जिसकी समुंद्र सी
चेहरे पर मुस्कान लिये बैठी है
झुकी हुई नजरो में वो
एक पूरा जहान लिये बैठी है
मेरी रात गुजरती है अक्सर
सूनी ही उसके बिना
वो अपने साथ जो एक
खूबसूरत सी शाम लिये बैठी है
गुम है कुछ ख्यालो में
जाने किसका इंतज़ार है
वो अपने अंदर ना जाने कितने
अरमान लिये बैठी है
महफिल में भी जाये अगर तो
रौनक बस उसके नाम की हो
बड़ी मासूम सी लगती है वो
जो कितनो की जान लिये बैठी है
देख कर उसको कुछ
नशा सा मुझे होने लगा
ना जाने क्या है उसकी आंखो में
उनमे कितने जाम लिये बैठी है
दिल मेरा धड़कता है
एक उसका नाम लेने से भी
मेरी दिल की धड़कन भी जो
अपने नाम किये बैठी है
एक लड़की है जो अपने
चेहरे पर मुस्कान लिये बैठी है
झुकी हुई नजरो में वो
पूरा जहान लिये बैठी है