हर बात के लिये
कुछ खोया तो कुछ पाया
इसी तरह जिन्दगी चलती रही
हर कदम पर ठोकरे मिली
पर देखो फिर भी संभलती रही
खुशियाँ भी मिली तो
कभी गम भी रहा
जिन्दगी में ये सब हरदम रहा
ज्यादा गिले-शिकवे तो नहीं तुझसे
शिकायत बस इतनी सी है
क्यूँ मैं हमेशा ही सफ़र में रहा
इस भाग दौड़ वाली जिन्दगी में
कभी यहाँ तो कभी वहाँ
तो कभी कभी यहाँ ठहराव भी रहा
धूप रही तो कभी छाँव भी मिली
औरों से अलग एक
खूबसुरत सी जिन्दगी मिली
उसमें मुझे खुद की भी एक
छोटी सी पहचान मिली
ऐ जिन्दगी तेरा शुक्रिया
जो मिला अच्छा मिला
अंधेरों मे भी मुझे रोशनी मिली
ऐ जिन्दगी तेरा शुक्रिया
ऐ जिन्दगी तेरा शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया