Friday, September 13, 2019

दिल मेरा



दिल मेरा एक आजाद परिन्दा 
दूर गगन मे उड़ता जाये 
ढूँढे एक मंजिल नयी
रस्ता कोई नया सजाये

दिल मेरा एक कटी पतंग सा
इधर उधर लहराता जाये
कोई लूट ले अगर इसे तो
ये बस उसी का हो जाये

दिल मेरा एक आवारा भंवर सा
कली कली मंडराता जाये
चुन चुन कर मिठास उसकी
अपने अंदर भरता जाये

दिल मेरा मासूम सा बच्चा
खूब रोये, खूब इठलाये 
कभी कभी कुछ पाने को ये
अपनी ही जिद पर अड़ जाये

दिल मेरा तन्हा तन्हा 
साथ तेरा जो ये पाना चाहे
सफ़र बड़ा ये 'हसीन' हो
साथ अगर तू मंजिल तक जाये

Saturday, September 7, 2019

कभी आना तुम



कभी आना तुम फुर्सत निकाल कर
मैं भी बातें तुमसे चार कर लूंगा 
तुम रूठना मुझसे, मैं मना लूंगा तुम्हे
ये मोहब्बत भी मैं बार बार कर लूंगा
कभी सुनना चाहो जब तुम 'साहिल' की बातें 
मैं कुछ गीत-गजल तुम्हारे नाम कर लूंगा।
करोगी जब तुम वापस जाने की बातें 
मैं नाराज हो कर थोड़ा सा लड़ लूंगा
बस इस तरह ही मैं बैठ कर पास तुम्हारे
एक प्यारी सी शाम अपने नाम कर लूंगा

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आज़ाद

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