Monday, April 15, 2019

इन्तेजार नहीं करते

किसी का हम अब यूं इन्तेजार नहीं करते
हर किसी पर अब ऐतबार नहीं करते

लम्हा लम्हा चुरा कर थोड़ा वक़्त बचाया है
यूं किसी पर अब वक़्त बेकार नहीं करते

ये जो देख कर हर किसी को मुस्कुराने लगती हो
ये मोहब्बत भी हर किसी से बार बार नहीं करते

झूठे रिश्तों से तो बस दूरियां ही अच्छी हैं
ये ही सोच कर हम भी किसी से प्यार नहीं करते

Friday, April 5, 2019

तुम और मैं


तुम वक़्त सी कभी रुकी नहीं
मैं हवाओं सा आज़ाद रहा
दुनिया को भूल बैठा मैं
बस एक तेरा नाम याद रहा

तुम नाज़ुक कली गुलशन की
मैं भँवरे सा आवारा हूँ
सारा जहाँ बेशक मेरा रहे
मैं फिर भी बस तुम्हारा हूँ

तुम चाँद की रोशनी जैसी
मैं सर्दी की एक रात हूँ
तुम मेरी जिंदगी की दास्तां हो
मैं बस एक भूली-बिछड़ी याद हूँ

एक तुम्हारा चेहरा 
एक मेरे दिल की आरजू 
दोनो ही बड़े प्यारे है
लगता है कुछ ऐसा
हम दोनो नदी के दो किनारे है

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