फिर दिल लगाने की सजा हमने कुछ ऐसे पायी है,
करवटे बदल-बदल कर पूरी रात बितायी है।
दिल से किसी को चाहने की बस सजा ही मिलती है,
ये बात फिर दिल टूटने के बाद समझ में आई है।
उसे फर्क नहीं पड़ता मेरे होने या न होने से,
जिसके यादे मैंने अपनी धड़कनो में बसाई है।
क्या मिला किसी को अपनी जान से भी ज्यादा चाहने से,
गम और यादो की दौलत हमने तोहफे में पायी है।