कभी कभी जिंदगी में किसी के साथ एक ऐसा अनजान रिश्ता बन जाता है, जिसका कोई नाम नहीं होता। उस रिश्ते में बस दूसरे की ख़ुशी देखी जाती है, तुम खुद को मिटा कर भी उसे खुश रखने की कोशिश करोगे
Thursday, May 22, 2014
Tuesday, May 20, 2014
एक बात कहुँ तुमसे
एक बात कहुँ तुमसे
तुम मेरी बन जाओ ना
नहीं लगता कही मन मेरा
तुम मेरी जिंदगी बन जाओ ना
आखिर क्यों लिखी किस्मत ने दूरी
तुम तोड़ के सारे बंधन बस
मेरी बन जाओ ना
कैसे कटता है हर एक पल तेरे बिना
तुम आ कर मेरे दिल की धड़कन बन जाओ ना
क्यों खुदा ने तुम्हे मेरा नहीं बनाया
अब तुम ही उससे शिकायत करो ना
बस मैं अब कुछ नही जानता
तुम मेरी बन जाओ ना
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