तू पराया भी है, और अपना भी लगता है,
तू हकीकत भी है, और सपना भी लगता है।
पता नहीं ऐसा क्या खास है तुझमे,
तेरा नाम लेना भी अच्छा लगता हैं।
तू प्यार करे मुझसे या नफरत,
तेरी हर बात को सहना भी अच्छा लगता है।
तेरे साथ मैं बैठु पल दो पल,
तेरी बातों को सुनना भी अच्छा लगता है।
मिल नहीं पाता तुमसे तो क्या हुआ,
तेरा ख्वाब में आना भी अच्छा लगता हैं।
जान भी मांग ले तू तो मना न करू,
तेरे लिए तो मर जाना भी अच्छा लगता हैं।