हमारे पास जितनी वजह दुखी रहने की होती है शायद उतनी ही वजह खुश रहने की भी हो सकती हैं लेकिन हम अपनी आदतों से परेशान है क्युकी हमें खुशियाँ दिखाई नहीं देती। हम अपने दुःख में इतना खो जाते हैं की छोटी-छोटी खुशियों को हम देख भी नहीं पाते। हमारे पास खुश रहने की वजह तो बहुत होती हैं किन्तु कई बार कुछ ऐसा दुःख दिल में घर कर जाता है जिससे दिल पर एक बोझ सा रहने लगता है और हम चाह कर भी खुश नहीं रह पाते। जीवन में अगर हमें खुश रहना है तो सबसे पहले हमें अपने दुःख की वजह को ख़तम करना होगा और दुःख को ख़तम करना आसान नहीं है तो मुश्किल भी नहीं है। कोई भी दुखी इंसान किसी को ख़ुशी नहीं दे सकता क्युकी कोई किसी को वो ही दे सकता है जो उसके पास हो। अगर आपके पास दुःख होगा तो आप औरो को दुखी ही बाट सकते हो और अगर आपके पास ख़ुशी है तो आप ख़ुशी बाट सकते हो तो आपको देखना है की आपके पास क्या है लोगो को बाटने के लिए। मैंने हमेशा एक बात मानी है अगर आपको कोई ऐसा दुःख है जो आपको पल-पल जीने नहीं देता तो मैं ये कहूंगा की रोज़-रोज़ मर-मर कर जीने से अच्छा है उस दुःख को एक बार अच्छे से झेल कर ख़तम कर दो। कांटे के पैर में लग जाने पर हमें बहुत दर्द होता है और हम ठीक से चल भी नहीं पाते। फिर हमारे पास दो तरीके होते हैं की या तो हम थोड़ा-थोड़ा दुःख झेलते रहे और ऐसे ही चलते रहे या फिर एक बार सारा दुःख झेल कर उस कांटे को निकल दे। हो सकता है काँटा निकलने पर ज्यादा दुःख हो और कई दिन तक रहे पर कुछ नहीं बाद ऐसा होगा की उस दर्द का नामोनिशान मिट जायेगा। अब ये आप पर निर्भर करता है की आप रोज़ दर्द सहना चाहते हो या एक बार में ख़तम कर देना चाहते हो। जीवन इतना कठिन नहीं है जितना हम बना देते हैं और यहाँ एक बात ये याद रखने लायक है की सब कुछ आप अपनी मर्जी के जैसे नहीं चला सकते। यानि आप जो कुछ करते है तो उम्मीद करते है की सब वैसा ही होगा जैसा आपने सोचा है पर वैसा ही हो ऐसा जरुरी नहीं है और ये वजह भी हमारे दुःख का कारण बन जाती है यहाँ सब कुछ खुद होता है बस आपको अपनी कोशिश करनी है फिर वैसा हो या न हो कोई बात नहीं। कई बार हमारा 100% करना भी काफी नहीं होता और कई बार 10% करना भी काफी हो जाता है तो इसमें दुखी होने वाली कोई बात नहीं है। सब कुछ चल रहा है और चलता रहेगा। "मेरी ईश्वर से प्रार्थना है आप सब हमेशा खुश रहो"
खुशी में तो हँस ही लेते हैं लोगो को दिखाने के लिये
बेवजह भी मुस्कुराओ कभी तो क्या बात हो
प्यार मिलने की चाहत में तो करते हैं प्यार सभी
बेवजह भी कोई प्यार करे तो क्या बात हो
रूठने पर तो फिर भी शायद मना ले कोई
रूठने से पहले भी कोई मनाये तो क्या बात हो
बोलने पर भी नहीं समझते हैं कुछ लोग दिल की बात
बिन बोले भी कोई समझ जाये तो क्या बात हो
सब कुछ लुटा देने पर भी होता नहीं कोई अपना
बिन कुछ करे भी कोई अपना हो तो क्या बात हो
अक्सर बहुत मिलते हैं हमे पाने के लिये रोने वाले
कोई हमारे साथ रोने वाला भी मिले तो क्या बात हो