वक्त की बारिश में सबको फिसलते देखा है
जो अपने थे उन सबको धीरे धीरे बदलते देखा है।।
वादा किया था सबने हर वक्त साथ निभाने का,
मैने उन सब वादो को भी पिघलते देखा है।।
जो अपने थे उन सबको धीरे धीरे बदलते देखा है।।
वादा किया था सबने हर वक्त साथ निभाने का,
मैने उन सब वादो को भी पिघलते देखा है।।
जरूरत के तराजू में जब भी किसी दोस्त ने हमें तोला,
दिल निकाल कर रख दिया और मुह से कुछ ना बोला
पर जब किसी की दोस्ती मेरे लिए जरूरी थी,
तो पता लगा उनकी अपनी कोई मजबूरी थी।।
दिल निकाल कर रख दिया और मुह से कुछ ना बोला
पर जब किसी की दोस्ती मेरे लिए जरूरी थी,
तो पता लगा उनकी अपनी कोई मजबूरी थी।।
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