आंसुओ से पलकों को भिगोना चाहता हूँ
आज मैं खुल कर रोना चाहता हूँ।
जो खो गया है, मेरा बीता हुआ कल,
मैं उसको फिर से पाना चाहता हूँ।
थक चुका हूँ रो रो कर अब मैं,
अब पल दो पल मैं मुस्कुराना चाहता हूँ।
अपनों ने तो दिए है मुझे धोखे बहुत,
अब मैं दुश्मनो को भी अजमाना चाहता हूँ।
वही बात रह रह कर याद आती है मुझे,
जिसे मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ
कहने को तो बहुत कुछ है मेरे दोस्तों,
पर कुछ बाते मैं अपने दिल में छुपाना चाहता हूँ।