पता ही नहीं चलता कब किसका हो जाता है।
मिल जाते हैं जिन्दगी में कुछ ऐसे लोग भी,
जिनके बिना जीना भी दुस्वार हो जाता है।
तकलीफ तो तब होती जब वो छोड़ के जाता है,
उसकी यादो के सहारे पूरा दिन गुजर जाता है,
रात को नींद नहीं आती, दिन को चैन नहीं आता है।
उसकी यादो से दिल उभर नहीं पाता है।
क्या है ये रिश्ता, क्या है ये बंधन,
ये है दोस्ती का रिश्ता जो है सबसे बढ़कर,
जिसका कोई दोस्त नहीं वो दुनिया में बेकार में ही आता है।
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