
उसके गले में थी मोतियों की माला,
जैसे किसी ने चाँद को बींध डाला।
हाथो में चूड़ी, कानो में बाली,
माथे पर थी बिंदिया,
जैसे चुरा लेगी हर किसी की निंदिया।
उसके होठ थे फूल जैसे गुलाबी,
कोई देखे तो हो जाये शराबी।
उसके गालो पे थी गजब की लाली,
जैसे कोई खून की हो प्याली।
उसकी आँखों में छाया था नशा,
की कोई भी होश कायम न रख सका।
गौरे तन पर था लाल रंग का जोड़ा,
जैसे चाँद ने रौशनी को ओढ़ा।
पास आई तो मैं उसकी आँखों में खो गया,
जहाँ था खड़ा वही पर सो गया।
जब जागा तो पता चला इस बात का,
जो देखा था वो सब एक ख्वाब था।