Sunday, November 4, 2018

कौन कहता है कि तुम जुदा हो गयी हो

कौन कहता है की तुम मुझसे 
जुदा हो गयी हो
मैं अब भी तन्हाई में तुमसे 
बहुत सी बाते किया करता हूँ

रात के अंधेरे में बत्तियां बुझा कर
आँखे बन्द करता हूँ तो
तुम मेरे सामने ही होती हो

कह देता हूँ तुम से
अपने दिल की हर बात
और तुम बस हंसती रहती हो

जानता हूँ मेरी बातें तुम तक नहीं पहुंचती है
पर फिर भी तुम्हे सामने देखकर
बाते करना अच्छा लगता है

कह देता हूँ अपने दिल की हर बात
और तुम खफा भी नही होती हो
बड़ा हंसी वक़्त होता है वो भी
जब तुम इस तरह ख्यालो में आती हो

Featured Post

आज़ाद

देखता हूं परिंदों को उड़ते हुए सोचता हूँ किस कदर आजाद हैं ये इन्हें बस अपनी मौज में जीना है ना कोई रोकता है इन्हें ना ही किसी की फिक्र है ना...