कौन कहता है की तुम मुझसे
जुदा हो गयी हो
मैं अब भी तन्हाई में तुमसे
बहुत सी बाते किया करता हूँ
रात के अंधेरे में बत्तियां बुझा कर
आँखे बन्द करता हूँ तो
तुम मेरे सामने ही होती हो
कह देता हूँ तुम से
अपने दिल की हर बात
और तुम बस हंसती रहती हो
जानता हूँ मेरी बातें तुम तक नहीं पहुंचती है
पर फिर भी तुम्हे सामने देखकर
बाते करना अच्छा लगता है
कह देता हूँ अपने दिल की हर बात
और तुम खफा भी नही होती हो
बड़ा हंसी वक़्त होता है वो भी
जब तुम इस तरह ख्यालो में आती हो